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स्वास्थ्य

किडनी और लीवर की बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए करें इस फल के बीजों का सेवन

किडनी और लीवर की बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए करें इस फल के बीजों का सेवन

पपीता हम में से कई लोगों का पसंदीदा फल है। कच्चे पपीते से कई प्रकार के व्यंजन तैयार किये जाते है। लेकिन आप में से ज्यादातर लोग पपीते के बीजों को फेंकते ही होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बीज जिन्हें खाने के योग्य नहीं माना जाता है, नियमित रूप से सेवन करने पर आपको कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं। आज हम आपको पपीते के बीजों से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे है –

ताजे पपीते के बीज अत्यधिक पोषक होते हैं। कई शोधों से पता चला है कि इनमें प्रोटीन और वसा जैसे पोषक तत्वों की मात्रा बहुत अधिक होती हैं। केवल एक कप पपीते के बीज एक अच्छे प्रोटीन पदार्थ के रूप में कार्य करता है। हालाँकि इसकी अत्यधिक वसा के कारण इसे कम मात्रा में लिया जाना चाहिए। इसके अलावा इनमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं।

पपीता के मुख्य भाग की तरह ही, इसके बीज में भी बड़ी मात्रा में पाचन एंजाइम होते हैं। अत्यंत शक्तिशाली होने के कारण वे बैक्टीरिया की गतिविधियों को सुगम बना सकते हैं और हमारे जठरांत्र संबंधी अंगों की कार्यक्षमताओं को बढ़ा सकते हैं। नतीजतन, आपको विभिन्न पाचन समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं।

पपीते के बीज की कम मात्रा में नियमित रूप से सेवन करना आपके लीवर को विष रहित कर सकता है और इस प्रकार यह आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य को भी काफी हद तक प्रभावित करता है। इसके अलावा ये गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त लीवर को भी ठीक कर सकते है। कई अध्ययनों से यह साबित किया है कि रोजाना 2 बार एक चम्मच नींबू के रस के रस पपीते के बीज पीसकर पीने से लीवर संबंधित बीमारियां केवल एक महीने में ठीक कर सकते है।

ताजे पपीते के बीज आपकी किडनी पर बहुत अधिक सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह पाया गया है कि ये बीज किडनी की बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद हैं जो कि शरीर के विषाक्तता से जुड़ी हुई है। वे न केवल विभिन्न घातक किडनी रोगों को कुशलता से निपटने में मदद करते हैं, बल्कि किडनी की विफलता को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पपीते के बीजों का सेवन कैंसर के ट्यूमर के तेजी से विकास के खिलाफ लड़ने में भी हमारी मदद करता है। इन बीजों में कुछ ऐसे इम्योनोमोडायलेटरी यौगिक होते है जिन्हें कैंसर कोशिकाओं और ट्यूमर के विकास के साथ-साथ विकास को धीमा करने के लिए जाना जाता है। वास्तव में पपीते के बीजों का नियमित लेकिन नियंत्रित मात्रा में सेवन करने से स्तन कैंसर, रक्त कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, पेट के कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से दूर रहने में मदद मिल सकती है।

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