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हाईकोर्ट

मीडिया के दलित शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए: बॉम्बे हाईकोर्ट

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय पहले ही केंद्र सरकार को दलित शब्द का प्रयोग करने के मामले में सलाह दे चुका है

ताज़ख़बर36गढ़:-

दलित शब्द के प्रयोग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा ‘केंद्र सरकार मीडिया द्वारा प्रयोग किए जाने वाले ‘दलित’ शब्द पर रोक लगाने के मामले पर विचार करे.’

दरअसल दलित शब्द के प्रयोग करने के मामले में ललितजी मेशाराम की ओर से याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद कोर्ट की नागपुर बेंच ने इस मामले में निर्देश जारी किए थे.

याचिकाकर्ता के वकील एसआर नारनावारे ने कोर्ट को बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय पहले ही केंद्र सरकार को दलित शब्द का प्रयोग करने के मामले में सलाह दे चुका है, मंत्रालय का कहना है कि इस शब्द पर रोक लगाई जाए. इस मामले में मार्च में भी सर्कुलर जारी किया गया था.

सर्कुलर में राज्यों को अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के लिए दलित शब्द के प्रयोग पर रोक लगाने की बात कही गई थी. जिसके बाद अतिरिक्त सरकारी वकील ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि राज्य सरकारें इस मामले में जल्द फैसला लेंगी.

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दे सकती है आईबी मिनिस्ट्री

एसआर नारनावारे ने इसी नियम को मीडिया पर लगाने की बात कही. वहीं बीपी धर्माधिकारी और जेड ए हक की बेंच ने सुझाव दिया था कि आईबी मिनिस्ट्री इस मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दे. बेंच ने कहा ‘केंद्र सरकार ने अपने अधिकारियों को निर्देश दे दिये हैं, हमें लगता है कि इस मामले में कानून के मुताबिक प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और मीडिया को निर्देश जारी किए जा सकते हैं.’

इस मामले में मीडिया को 6 हफ्तों में निर्देश जारी किए जाने चाहिए. हमने आईबी मिनिस्ट्री को निर्देश दिए हैं कि वह मीडिया द्वारा प्रयोग किए जाने वाले दलित शब्द पर अगले 6 हफ्तों में फैसला करे.

पहले भी इस तरह के सर्कुलर जारी किए जा चुके हैं जिसके बाद ‘हरिजन’ शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई गई थी. वहीं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा जनवरी में दलित शब्द के प्रयोग के खिलाफ निर्देश दिए गए थे.

इन निर्देशों को दर्शाने के लिए मोहनलाल मनोहर और यूनियन ऑफ इंडिया के केस का हवाला दिया गया. जिसमें कहा गया है ‘ केंद्र सरकार/राज्य सरकार और इससे जुड़ी मशीनरी अनुसूचित जाति के लिए दलित शब्द का प्रयोग नहीं करेगी.’

वहीं जारी किए गए सर्कुलर में भी लिखा है, ‘सभी राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों से मांग की जाती है कि सभी आधिकारिक रिपोर्ट, मामलों, डीलिंग और सर्टिफिकेट्स में अंग्रेजी भाषा में शेड्यूल कास्ट और दूसरी भाषाओं में इस शब्द के सही अनुवाद का प्रयोग किया जाए. इसका आर्टिकल 341 के तहत जारी किये नोटिफिकेशन में भी वर्णन है.

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