बिलासपुर। शहर कांग्रेस कमेटी ने नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। कांग्रेसियों का दावा है कि मंत्री ने इलाज के नाम पर अपनी स्वेच्छा निधि से 635 चेहेतों को 64 लाख से अधिक रुपए खैरात में बांट दिए हैं। दिलचस्प यह है कि मंत्री ने आम जनता के बजाय नगर निगम के सभापति अशोक विधानी के बेटे आकाश और वार्ड नंबर 21 के भाजपा प्रत्याशी रहे जगदीश साव को भी निधि देने में कोई गुजरे नहीं किया है।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, निगम के नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरुद्दीन, प्रदेश सचिव महेश दुबे, ब्लॉक अध्यक्ष तैय्यब हुसैन और विनोद साहू ने गुरुवार को कांग्रेस भवन में संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस ली। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 की स्वेच्छा निधि की राशि चुनाव के ठीक पहले मई, जून, जुलाई और अगस्त में स्वीकृत कर दी और उसका चेक कटवाकर खुद ही रख लिया। आचार संहिता लगने के महज 15 दिन पहले कार्यक्रम आयोजित कर ठेला, गुमटी व्यापारी, मंदिर के पुजारियों और मस्जिद के मौलवियों को चेक बांटे गए। जबकि ये चेक तहसील कार्यालय को हितग्राहियों को मिलना था।
कांग्रेसियों ने सवाल उठाया है कि तीन माह पहले 635 लोगों को 64 लाख रुपए से अधिक देने की जरूरत क्यों पड़ी। इतने हितग्राहियों को इलाज के लिए ही राशि की जरूरत क्यों पड़ी। इतने लोग एक साथ कैसे बीमार हो गए। ये जांच के बिंदु हैं। कांग्रेसियों ने कहा कि सहायता राशि प्राप्त करने वालों में आर्थिक रूप में सक्षम लोगों के नाम हैं, जिन्हें सहायता की जरूरत नहीं थी। फिर इन्हें किस उद्देश्य से चेक दिया गया। जाहिर है, इस राशि का उपयोग चुनाव में फायदा उठाने के लिए किया गया है। कांग्रेसियों को कहना है कि किसी को स्वेच्छा अनुदान से चेक देने या सहायता करने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस तरह से सूची में आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के नाम हैं, उससे यह स्पष्ट है कि मंत्री ने चुनाव को ध्यान में रखकर नाम किसी का और राशि किसी को दी है।
निर्वाचन कार्यालय ने नहीं की कार्रवाई
कांग्रेसियों का कहना था कि इस मामले की शिकायत जिला निर्वाचन कार्यालय से की थी। उन्हें सबूत भी दिए थे। यह भी बताया था कि शासन ने स्वेच्छा अनुदान के चेक मंत्री अग्रवाल के बंगले में रखवा दिए हैं, जिसे वे कार्यक्रम आयोजित कर या फिर चार-पांच लोगों को अपने बंगले में बुलाकर बांट रहे हैं, लेकिन निर्वाचन कार्यालय ने कोई कार्रवाई नहीं की।
तहसील कार्यालय ने नहीं दी सूची
कांग्रेसियों ने तहसील कार्यालय से हितग्राहियों की सूची मांगी, लेकिन नहीं मिली। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव से नियम के तहत सूची प्राप्त की गई। इससे यह साबित हो गया है कि अधिकारी मंत्री के दबाव में काम कर रहे हैं।
उपयोगिता प्रमाण पत्र का पता नहीं
कांग्रेसियों के अनुसार अपर सचिव के यहां से जारी पत्र में स्पष्ट निर्देश हैं कि स्वीकृत राशि का भुगतान संबंधित जिला कलेक्टर के माध्यम से किया जाए और संबंधित हितग्राहियों को भुगतान करते समय उपयोगिता प्रमाण लेकर मुख्य लेखा अधिकारी रायपुर को प्रेषित करें। इस नियम का पालन बिलासपुर विधानसभा में नहीं किया गया है।
एक नजर में स्वीकृत अनुदान राशि
हितग्राही रुपए (लाख में) तारीख
43 6.80 14 मई 2018
31 6.20 13 जून 2018
128 18.84 26 जून 2018
36 6.20 जून 2018
24 3.95 23 जुलाई 2018
51 5.90 23 अगस्त 2018
302 19.40 2 अगस्त 2018
20 2.90 4 सितंबर 2018