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क्राइमछत्तीसगढ़

फैसला / दुर्ग में पहली बार पॉलीग्राफी टेस्ट के आधार पर नानी सास की हत्या में बहू काे आजीवन कारावास

कुंदरापारा में जून 2015 में हुई थी वृद्धा की हत्या, टेस्ट के आधार पर ही हत्या में प्रयुक्त हथियार हुआ बरामद 

ट्रायल के दौरान अभियोजन की ओर से पेश अधिकतर गवाह अपने बयान से मुकर गए थे

दुर्ग. जिले में पहली दफा न्यायालय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के आधार पर नानी सास की हत्या करने वाली नाती बहू को दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कुंदरापारा निवासी सीलिया बाई के लोही की रॉड से हमला करके हत्या कर दी गई। पुलिस ने पॉलिग्राफी टैस्ट के आधार पर बहू मंजू बंजारे सहयोगी मां उत्तरा बाई और मामी सोनाबाई को गिरफ्तार किया। ट्रायल में भी अभियोजन की ओर पेश अधिकतर गवाह मुकर गए। क्राइम सीन पर मृतिक और नाती बहू के मौजूद रहने की थ्योरी और पोलीग्राफी टेस्ट को आधार मानकर न्यायाधीश ममता शुक्ला की कोर्ट दोषी मानकर सजा का एलान किया। मंजू को आजीवन कारावास सजा सुनाया।

ताने देने की आदत से नाराज होकर की हत्या

  1. लोक अभियोजक सुदर्शन महलवार ने बताया कि सीलिया बाई अपनी बेटी के घर में कुंदरापारा में रहती थी। पुराने ख्यालात की होने की वजह से नाती बहू को अक्सर छोटी-छोटी बातों पर टोका-टाकी करती थी। 13 जून 2015 की दोपहर उसने नानी साल सीलिया बाई की लोहे की रॉड से सिर व अन्य हिस्सों पर हमला किया।
    टेस्ट के आधार पर दो साल बाद हथियार बरामद
    अतिरिक्त लोक अभियोजक महेंद्र सिंह राजपूत बताया कि जब पुलिस ने उत्तरा बाई (40) और सोनबाई (40) का ब्रेन-मैपिंग और पॉलिग्राफी टैस्ट कराया तो उन्होंने ही सीलिया बाई की रॉड से हत्या करके की जानकारी दी। कथन के आधार पर दो साल बाद रॉड उनके घर से बरामद की। खून भी जांच मृतिका का होना पाया गया।
  2. आखिर क्या होता है ये पॉलीग्राफी टैस्ट, जानिए…

    यह साइको-फिजियोलॉजिकल सिद्धांत के ऊपर काम करता है। पॉलीग्राफ परीक्षण विभिन्न शारीरिक क्रियाओं जैसे रक्तचाप, श्वसन दर, त्वचा की चालकता को क्रमशः स्फिग्मोमैनोमीटर, न्युमोग्राफ और इलेक्ट्रोड से नापा जाता है। जांचकर्ता सामान्य प्रश्न जिसका उत्तर आमतौर पर व्यक्ति सच ही देता है,उसको पूछकर शारीरिक क्रियाओं को देखता है। फिर मुद्दे के सवाल करता है। यंत्रों के माध्यम से उपरोक्त क्रियाओं को देखता है।

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