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हादसा

अमृतसर रेल हादसा मामला: देश मे पहली बार 70 मौतों के बाद भी अभी तक कोई नहीं पाया गया दोषी!


आखिर अमृतसर रेल हादसे को लेकर किसी को दोषी  नहीं माना गया है. 70  लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं आधा सैकड़ा  से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. अभी तक आरोप प्रत्यारोप  का दौर जारी है.  कभी हादसे को लेकर स्थानीय प्रशासन को घेरा जा रहा तो कभी रेलवे प्रशासन को सवालों के घेरे में है. इस सबके बावजूद यह देश का ऐसा पहला मामला होगा, जिसमें करीब 24 घंटे के बाद भी किसी को दोषी नहीं मनाया गया है और किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

इस मामले में आयोजक ने पुलिस को अर्जी देकर लोगों के जमा होने की जानकारी दी थी. अर्जी में कहा गया था कि इस जगह पर 20 हजार लोगों के जुटने की संभावना है. जिसके बाद इस अर्जी को स्थानीय थाना इंचार्ज ने मंजूरी दी थी. आयोजकों की तरफ से अर्जी में ये भी जानकारी दी गई थी कि सिद्धू दंपति इस समारोह में शिरकत करने आ रहे हैं. वहीं पंजाब पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

हालांकि रेलवे ने किसी भी लापरवाही से इनकार कर दिया. न्यूज़ 24 से बात करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि रेलवे की कोई गलती नहीं है, न ड्राईवर की न ही किसी और स्टाफ की. रेलवे और रेल राज्यमंत्री ने इस हादसे में रेलवे और ट्रेन के ड्राइवर की कोई भी गलती होने से साफ इनकार किया है. मनोज सिन्हा ने कहा है कि इस घटना में आयोजक की अगर गलती पाई गई तो उनपर कार्रवाई होगी. उनका कहना है कि जिस ट्रैक पर ट्रेन चल रही थी वहां एक घुमावदार मोड़ था, जिसके कारण ड्राइवर को सामने साफ -फ दिखाई नहीं देता

ऐसा ही कुछ बयान पंजाब के सीएम कैप्अन अमरिंदर सिंह का भी सामने आया. उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच 4 हफ्तों में पूरी करने के निर्देश तो दे दिए हैं, लेकिन साथ में यह भी कहा है कि इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि इस हादसे को लेकर किसी तरह की तू-तू, मैं-मैं से बचना होगा. फिलहाल इस मामले पर आरोप-प्रत्यारोप करने से ज्यादा जरूरी मामले की जांच करना और राहत कार्यों को पूरा करना है. हमने पंजाब सरकार की ओर से मामले की मैजिस्ट्रेट जांच कराने का फैसला किया है और जांच अधिकारियों को चार हफ्ते में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.

सिंह ने कहा कि जोड़ा फाटक के पास हुए इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है इसका फैसला जांच समिति के निर्णय के आधार पर होगा. ऐसे में किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए. सिंह ने यह भी कहा कि घायलों को राहत के लिए हर संभव मदद दिलाने का फैसला किया गया है, लेकिन फिलहाल आरोप प्रत्यारोप से इतर सभी को एक साथ आना होगा और यह वक्त राजनीति करने का नहीं है.

गुपचुप जांच में लगा रेलवे

अमृतसर में हुए रेल हादसे में जहां एक ओर रेलवे किसी भी चूक से इनकार कर रहा हैं, वहीं इस हादसे पर रेलवे की गुपचुप जांच भी चल रही है. इस हादसे से ठीक पहले गुजरी ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड के साथ हादसे वाली ट्रेन के गार्ड और ड्राइवर को लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पूछताछ के लिए ट्रेन से उतारा गया था. ट्रेन की गार्ड रूम में मौजूद 5 लोगों से भी गुपचप तरीके से पूछताछ हो रही है. सवाल है कि आखिर रेलवे इस मामले में क्यों गुपचुप तरीके से पूछताछ कर रही है. अगर रेलवे की कोई लापरवाही है तो मामले की खुली जांच क्यों नहीं हो रही. 

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