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कांग्रेसराजनीति

बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कांग्रेस प्रत्याशी को एडवांस में दी बधाई, बोले-आ रही है कांग्रेस की सरकार…


मध्य प्रदेश में मतदान के बाद अब राजनीतिक दलों को परिणाम का इन्तजार है. प्रचार के लिए अंतिम समय तक झोंकने के बाद अब नेता और कार्यकर्ता फुर्सत के पल बिता रहे हैं. वहीं इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और भोपाल की उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी आरिफ अकील की मुलाक़ात हुई. फुर्सत के पल में अकील गौर से मिलने पहुंचे. इस दौरान गौर ने आरिफ अकील को परिणाम आने से पहले ही जीत बधाई भी दे डाली.

उन्होंने अकील को बढ़ाई देते हुए कहा कांग्रेस की सरकार आ रही है और आप मंत्री बन रहे हो. वहीं दो दिग्गज नेताओं की इस मुलाकात ने फिर प्रदेश की सियासत गरमा दी है. वोटिंग के बाद जो माहौल ठंडा पड़ा था वो अब इस मुलाकात के बाद फिर गर्म हो गया है और सियासी पारा फिर बढ़ा है, अब इस मुलाकात के मायने निकाले जाने लगे हैं.

मतदान के बाद फुर्सत के पल में आरिफ अकील बाबूलाल गौर से मिलने पहुंचे . इस दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि मैं गौर साहब से आशीर्वाद लेने आया था. दोनों के बीच काफी देर तक चर्चा चलती रही. गौर ने अकील से कहा आपकी पार्टी ने हमारी बहुत मदद की, नहीं तो टिकट नहीं मिलती, लेकिन आख़िरकार हमारी बहु को टिकट मिल गया”. इसके जवाब में अकील ने कहा कि “आप हमारी पार्टी में आ जाते तो आपको टिकट मिल जाता लेकिन अपने मना कर दिया”. गौर ने कहा “बहु को टिकट मिल गया नहीं तो हालात दूसरे हो जाते”. उन्होंने अपनी चर्चा में होशंगाबाद सीट पर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे सरताज सिंह का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि “सरताज को टिकट नहीं दिया तो उन्होंने बहुत नुकसान किया, हमदर्दी का वोट अलग ही होता है”. वहीं अकील ने भी बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा “क्या बाप बुजुर्ग हो जाए तो क्या बाप नहीं रहता” इस दौरान गौर अकील के कान में धीरे से यह भी कह रहे है कि कांग्रेस सरकार आ रही है, गौर ने उन्हें मंत्री बनने की बधाई भी दे डाली .

उल्लेखनीय है कि आरिफ अकील और बाबूलाल गौर भोपाल के दो कद्दावर नेता हैं और दोनों एक दूसरे के विरोधी पार्टियों से सम्बन्ध रखते हैं. लेकिन राजनीति में दोनों का सिक्का आज भी चलता है. यही कारण है कि जहां गौर गोविंदपुरा सीट पर अंतिम समय तक मचे घमासान के बाद भी अपनी बहु को टिकट दिलाने में सफल रहे हैं और अपनी बात मनवा ली, हालाँकि कांग्रेस से भी उन्हें ऑफर मिला था लेकिन बीजेपी ने आखिरकार गौर की बहु कृष्णा गौर को चुनाव लड़ा दिया. वहीं उत्तर विधानसभा ही एक मात्र ऐसी है सीट हैं जहाँ भाजपा को हमेशा से कमल खिलने का इन्तजार है. पिछले 20 सालों से इस सीट पर कांग्रेस के आरिफ अकील का कब्जा है. भाजपा ने मुस्लिम बहुल इस सीट पर फातिमा रसूल सिद्दीकी को उतारा था, जिनके पिता रसूल अहमद सिद्दीकी को अकील ने हराया था।

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