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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ / गांधी जयंती से शहर में रोज जमा होगा प्लास्टिक, देंगे सीमेंट कंपनी को

निगम का पूरा सफाई अमला दिवाली तक प्लास्टिक का एक-एक टुकड़ा चुनेगा

रायपुर . नगर निगम का पूरा अमला गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से राजधानी की एक-एक गली में घूमकर सिंगल यूज प्लास्टिक बीनने जा रहा है। यह काम दिवाली तक चलेगा और माना जा रहा है कि शहर से प्लास्टिक पूरी तरह हटा लिया जाएगा। यही नहीं, प्लास्टिक अलग करने के बाद इसे लेने के लिए लाफार्ज सीमेंट कंपनी तैयार हो गई है। कंपनी भाटापारा के प्लांट में राजधानी के पूरे प्लास्टिक वेस्ट को प्रोसेस करेगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर इसे 1400 डिग्री तापमान पर गलाने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा, क्योंकि तब यह नाइट्रोजन और ऑक्सीजन में टूट जाएगा।

राजधानी में रोजाना 50 हजार किलो सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। इसे फिलहाल संकरी के डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जा रहा है। शहर में अभी जो सिंगल यूज प्लास्टिक निकलता है, वो गीले कचरे के साथ मिक्स हो जाता है। इसकी वजह से ये प्रोसेस के लायक नहीं बच पाता है। लेकिन नई मुहिम के तहत अब प्लास्टिक वेस्ट को घरों से भी सूखे कचरे के रूप में ही लिया जाएगा। इसके लिए सभी घरों में हिदायत भी दी जाएगी।

सीमेंट फैक्ट्री के अलावा सड़क, पावर प्लांट में गलेगा प्लास्टिक : नो प्लास्टिक अभियान के लिए जो गाइडलाइन आई है, उसके मुताबिक सभी शहरों को प्लास्टिक कचरे के निदान के लिए तीन तरह के ऑप्शन दिए गए हैं। जिसके तहत सिंगल यूज प्लास्टिक सीमेंट फैक्ट्रियों के अलावा सड़क बनाने और पावर प्लांट में भी जाएगा। सूची में रायपुर नगर निगम को भाटापारा की सीमेंट फैक्ट्री में सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा देने के लिए कहा गया है।

जब्ती वाला प्लास्टिक इसी तरह प्रोसेस होगा : नगर निगम फिलहाल नो प्लास्टिक मुहिम के तहत रोजाना जो प्लास्टिक जब्त कर रहा है, वह भी सीमेंट फैक्ट्री को ही भेजा जाएगा। हालांकि 2017 से 2019 के बीच जब्त किए गए 8 टन प्लास्टिक कचरा जिस पर 17 केस बनाए गए हैं, उस पर कोई निर्देश नहीं अाया है। जोन दफ्तरों और निगम मुख्यालय की शहर के बाजारों में की गई छोटी बड़ी कार्रवाई में जितना सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त हुआ है, सीमेंट फैक्ट्री में वही जाएगा।

गणेश में सोसाइटी ने पिछले साल 400 किलो प्लास्टिक किया यूज, इस बार जीरो : कोटा के मारुति लाइफ स्टाइल सोसायटी के सचिव संदीप अग्रवाल ने बताया कि इस बार गणेशोत्सव में 11 दिन चले कार्यक्रम में रोजाना सोसायटी के 500 लोगों का खाना व प्रसाद बांटा गया, पर प्लास्टिक उपयोग नहीं हुअा। स्टील की थाली में खाना व कांच के गिलास में पानी दिया गया। पिछले साल गणेशोत्सव के दौरान सोसायटी में प्लास्टिक की थाली व गिलास यूज करने से करीब 400 किलो प्लास्टिक इकट्ठा हुअा था। यही नहीं,  अग्रसेन जयंती के साथ हर कार्यक्रम में प्लास्टिक उपयोग पर बैन लगा दिया गया है।

प्रसाद पत्तल के दोने-थाली में : न्यू राजेंद्र नगर गरिमा श्री अपार्टमेंट की डॉ. भारती श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार में हमने गणेश उत्सव में डिस्पोजेबल उपयोग नहीं किया। प्रसाद पत्तल-दोने में बांटे, और मिट्टी के कुल्हड़ में पानी दिया गया। पूजा में चढ़ाए गए फूलों से कंपोस्ट खाद बनाई।

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