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नपुंसक नहीं है फलाहारी बाबा, मेडिकल टेस्ट में हुआ पास

नपुंसक नहीं है फलाहारी बाबा, मेडिकल टेस्ट में हुआ पास

फलाहारी बाबा उर्फ कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य महाराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. राजस्थान में अलवर के इस बाबा पर बिलासपुर की लॉ स्टूडेंट ने बाबा पर रेप का आरोप लगाया था. जिसके बाद फलाहारी बाबा का कहना था कि वह नपुंषक है. पुलिस ने बाबा का मेडिकल करवाया है. इस रिपोर्ट में फलाहारी बाबा मानसिक, शारीरिक और पुरुषत्व जांच (पोटेंसी टेस्ट) में फिट पाया गए है.

केवल फल दूध से 80 किलो वजन?

रिपोर्ट में ये बात थी सामने आई है कि फलाहारी बाबा की उम्र 65 साल है और उनका वजन 80 किलोग्राम है. बाबा के आश्रम से बताया गया है कि बाबा केवल फल ही खाते थे. इसीलिए इनका नाम फलाहारी बाबा था. बाबा फलों के साथ ही दूध और गंगाजल का सेवन भी करता था. केवल फल, दूध और गंगाजल खाने के बाद भी बाबा का वजन 80 किलो था. बाबा को अपने बढ़े हुए वजन के कारण ही व्हीलचेयर से अस्पताल से बाहर लाया गया था.

फलाहारी को नहीं है थायराइड

फलाहारी बाबा की मेडिकल रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि बाबा को थायराइड की बीमारी नहीं है. फलाहारी बाबा को अल्सर की बीमारी भी बताई जा रही है. अल्सर की बीमारी के चलते है हाल ही में बाबा ने आश्रम में होने वाले एक कार्यक्रम में जाने पर भी असमर्थता जताई थी.

क्या होता है पोटेंसी टेस्ट?

पुरुषत्व जांच ऐसे आपराधिक मामलों में की जाती है, जो रेप या यौन शोषण से जुड़ा हो. यह जांच किसी अधिकृत यूरोलॉजिस्ट  करता है. इसमें इस बात की जांच की जाती है कि व्यक्ति का पुरुषत्व बरकरार है या नहीं. इसके अलावा, यह जांच तलाक के कुछ मामलों में भी की जाती है. तलाक के ऐसे मामलों में पति अपने पुरुषत्व का परीक्षण कराते हैं, जिन मामलों में इसी आधार पर तलाक मांगा जाता है. पुलिस इस टेस्ट के जरिए वृषण सजगता, किसी ऑपरेशन के सबूत, दाग, मानसिक परीक्षण और यौन उत्तेजना की सामान्य प्रतिक्रियाओं को जांचती है.

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