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स्वास्थ्य

अगर आप ज़मीन पर बैठकर खाना नहीं खाते तो इसको पढ़ कर जरुर चालू कर देंगे

अगर आप ज़मीन पर बैठकर खाना नहीं खाते तो इसको पढ़ कर जरुर चालू कर देंगे

ताज़ख़बर36गढ़-आज के समय में सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना पसंद करते हैं। क्योंकि नीचे जमीन पर बैठकर खाने से उन्हें शर्मिंदगी और असभ्यता का एहसास होता है। लेकिन आप शायद नहीं जानते कि आयुर्वेद के अनुसार जमीन पर पालथी मारकर बैठने तथा खाने खाने के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत सारे फायदे हैं। इसलिए पुराने जमाने में सभी लोग नीचे बैठकर खाते थे और उनका स्वास्थ्य आज के लोगों की अपेक्षा बेहतर रहता था। आइए जानते हैं ऐसे ही जमीन पर बैठ कर खाना खाने से होने वाले … फायदों के बारे में..

एक प्रकार का योगासन

वास्तव में हम जमीन पर बैठकर जिस तरह बैठते हैं वह एक प्रकार का योगासन है जिसे सुखासन या अर्द्धपद्मासन कहा जाता है। इस आसन में बैठने से पूरे शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है, साथ ही मस्तिष्क का तनाव कम होता है। अगर आप इस तरह बैठ कर खाना नहीं भी खाए तो भी आपको इससे बहुत फायदा मिलता है।

वजन को नियंत्रित रखना

जमीन पर बैठना और उठना, एक अच्छा व्यायाम माना जाता है। भोजन करने के लिए तो आपको जमीन पर बैठना ही होता है और फिर उठना भी, अर्ध पद्मासन का ये आसन आपको धीरे-धीरे खाने और भोजन को अच्छी तरह पचाने में सहायता देता है। जिससे वसा के कारण वजन अनियंत्रित नहीं हो पाता।

स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद

जमीन पर बैठकर खाना खाने का अर्थ सिर्फ भोजन करने से नहीं है, यह एक प्रकार का योगासन कहा जाता है। जब भारतीय परंपरानुसार हम जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो उस तरीके को सुखासन या पद्मासन की तरह देखा जाता है। यह आसन हमारे स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभप्रद है।

रक्तचाप में कमी

इस तरीके से बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है, जिससे आपके शरीर को आरामदायक अनुभव होता है। इससे आपकी सांस थोड़ी धीमी पड़ती है, मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और रक्तचाप में भी कमी आती है।

पाचन क्रिया में सुधार

जमीन पर बैठकर खाने से आपको भोजन करने के लिए प्लेट की तरफ झुकना होता है, यह एक नैचुरल पोज है। लगातार आगे होकर झुकने और फिर पीछे होने की प्रक्रिया से आपके पेट की मांसपेशियां निरंतर कार्यरत रहती हैं, जिसकी वजह से आपकी पाचन क्रिया में सुधार होता है।

शरीर के मुख्य भागों की मजबूती

भोजन करने के लिए जब आप पद्मासन में बैठते हैं तब आपके पेट, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे की मांसपेशियों में लगातार खिंचाव रहता है जिसकी वजह से दर्द और असहजता से छुटकारा मिलता है। इस मांसपेशियों में अगर ये खिंचाव लगातार बना रहेगा तो इससे स्वास्थ्य में सुधार देखा जा सकता है।

दिल की मजबूती

सही पोस्चर में बैठने से आपके शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है और साथ ही साथ आपको नाड़ियों में दबाव भी कम महसूस होता है। पाचन क्रिया में रक्त संचार का एक अहम रोल है। पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में हृदय की भूमिका अहम होती है। जब भोजन जल्दी पच जाएगा तो हृदय को भी कम मेहनत करनी पड़ेगी।

घुटनों का व्यायाम

जमीन पर बैठकर भोजन करने से आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहता है, पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इसके साथ ही साथ जमीन पर बैठने के लिए आपको अपने घुटने मोड़ने पड़ते हैं। इससे आपके घुटनों का भी बेहतर व्यायाम हो जाता है, उनकी लचक बरकरार रहती है जिसकी वजह से आप जोड़ों की समस्या से बचते हैं।

रीढ़ की हड्डी का दर्द खत्म होता है

जमीन पर पालथी मार कर बैठने से पेट, पीठ तथा कूल्हे की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे उनकी सक्रियता बढ़ती है और शरीर के इन हिस्सों से जुड़े अंगों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे पीठ का दर्द भी चला जाता है।

पोस्चर में सुधार

क्रॉस लेग्स की सहायता से जमीन पर बैठने से आपके शारीरिक आसन यानि कि पोस्चर में सुधार होता है। स्वस्थ शरीर के लिए सही आसन बहुत जरूरी है, इससे आपकी मांसपेशियों को मजबूती मिलती है लेकिन साथ ही साथ रक्त संचार में भी सुधार होता है।

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