जेठ और अपनी जान बचाने को तेंदुए से लड़ी महिला, 10 मिनट में 20 घाव देकर तेंदुए ने तोड़ा दम
जेठ और अपनी जान बचाने को तेंदुए से लड़ी महिला, 10 मिनट में 20 घाव देकर तेंदुए ने तोड़ा दम
ताज़ाख़बर36गढ़:- तेंदुए ने महिला पर हमला किया. सिर, हाथ, पैर में 10 मिनट में 20 घाव दिए. जेठ और उसकी जान लेने की कोशिश की. इसके बाद भी महिला ने बहादुरी दिखाते हुए खुद को और अपने जेठ को बचा लिया. भिड़ी महिला से तेंदुए को भिड़ना इतना महंगा पड़ गया कि उसे ही जान से हाथ धोना पड़ा. मौके पर पहुंचे लोग तेंदुए को मरा देख दंग रह गए. उन्होंने घायल हुई महिला को अस्पताल में भर्ती कराया. महिला का इलाज चल रहा है. इलाज करा रही महिला ने कहा कि उसे नहीं पता कि कैसे उसके अंदर तेंदुए से लड़ने की ताकत आ गई थी.
कपड़े धोने के दौरान किया था हमला
ये हैरत में डालने वाली घटना उत्तराखंड के श्रीनगर के गहड़ गांव की है. यहां की रहने वाली ममता देवीमंगलवार को सुबह कपड़े धो रही थी. वह घर के बाहर थी. जंगल से लगे इस गांव में इस दौरान तेंदुआ घुस आया. उसने महिला पर हमला कर दिया, लेकिन महिला तेंदुए से भिड़ गई. ताकतवार तेंदुए और महिला की 10 मिनट तक लड़ाई चलती रही. इस बीच तेंदुए ने मौके पर पहुंचे जेठ पर भी हमला कर दिया. इसके बाद महिला को तेंदुए ने शरीर पर जगह-जगह 20 घाव दिए. इसके बाद भी भिड़ी महिला ने अपनी जान बचाने के लिए हार नहीं मानी और तेंदुए को ही अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
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एक-दूसरे पर हमला करते रहे दोनों
ममता ने बताया कि उसने हाथों से तेंदुए (गुलदार) के हमलों को रोका और पत्थर से उस पर हमला किया. इस बीच ममता के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं. वहीं उसके दोनो हाथों पर 20 से ज्यादा गुलदार के नाखूनों से गहरे छेद हुए हैं. इस घटना में बचाव के लिए अंतिम समय में आए महिला के जेठ पर भी गुलदार ने हमला किया. जिसमें उन्हें भी मामूली चोटें आई हैं. ममता की हालत अब काबू में है और उनका इलाज श्रीनगर बेस अस्पताल में चल रहा है.
तेंदुए की मौत की कराई जा रही जांच
वहीं, ग्राम प्रधान गहड़ ने बताया कि वे तेंदुए के घूमने की शिकायत पिछले एक महीने से वन विभाग व जिला प्रशासन को कर चुके हैं लेकिन वन विभाग ने कोई सज्ञांन नहीं लिया. इस घटना के बाद वन विभाग व पुलिस की टीम गांव में पहुंची और ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिया. वहीं. वन अधिनियम 1972 के तहत गुलदार संरक्षित प्रजाति का होने के कारण गुलदार की मौत की जांच वन विभाग द्वारा करवाई जा रही है. हालांकि, वन विभाग के क्षेत्राधिकारी का कहना है कि आत्मरक्षा के लिहाज से मानवीय पहलू को भी कार्यवाही के दौरान देखा जाएगा.