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देशस्वास्थ्य

खुलासा: पहली बार में 63% तक गलत हो सकती है हाई बीपी की जांच…इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट…

पहली बार उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) की जांच में नतीजे 63 फीसदी तक गलत हो सकते हैं। यह खुलासा इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। इसमें बीपी की जांच में पूरी एहतियात बरतने पर जोर दिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के दौरान प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 6.78 लाख लोगों का बीपी मापा। 2015-16 में हुए इस सर्वे के तहत पहली बार जांच में 16.5% लोग बीपी के मरीज पाए गए। जब कुछ अंतराल बाद दूसरी और तीसरी जांच कराई तो आंकड़ा घटकर 10.1% ही रह गया। यानी, पहली बार बीपी जांच के नतीजे 63% गलत पाए गए।

रिपोर्ट आंखें खोलने वाली

सर्वे में पहली जांच के आंकड़े इस्तेमाल होते तो देशभर में बीपी के अनुमानित मरीजों का आंकड़ा 4.6 करोड़ हो जाता। हालांकि, यह गड़बड़ी तो नहीं हुई पर रिपोर्ट आंखें खोलने वाली है क्योंकि कई बार डॉक्टर भी एक बार बीपी की जांच के बाद ही दवाएं खाने की सलाह दे देते हैं।

जागरूकता जरूरी

लोगों में जांच के प्रति जागरूकता की जरूरत है। इस बारे में प्रोफेसर यतीश अग्रवाल कहते हैं कि बीपी जांच सही ढंग से और प्रशिक्षित कार्यकर्ता से ही करानी चाहिए।

ये बातें रखें ध्यान

* जांच एक से ज्यादा बार और अलग-अलग दिन कराएं।
* चाय-कॉफी पीने या व्यायाम के तुरंत बाद जांच न कराएं।
* शारीरिक या मानसिक रूप से कतई उत्तेजित ना हों।
* कुर्सी में आराम की मुद्रा में हाथ और पीठ टिकाकर बैठें।

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