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बिलासपुर: आचार संहिता के बीच पीडब्ल्यूडी में बड़ा भ्रष्टाचार…73 लाख से किस-किस सड़क की करनी है मरम्मत… वर्क आर्डर में उल्लेख नहीं… जानिए ईई, कलेक्टर ने क्या कहा…


बिलासपुर/11/11/2018/ पीडब्ल्यूडी क्रमांक एक ने तो भ्रष्टाचार की हदें पार कर दी हैं। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच चेहेते ठेकेदार को 73 लाख रुपए का वर्क आर्डर जारी कर दिया है। ताज्जुब की बात यह है कि किस सड़क को कितनी लागत से मरम्मत करनी है, इसका उल्लेख ही नहीं किया गया है। पूछताछ करने पर ईई मधेश्वर प्रसाद का ऊपर से तुर्रा यह कि रिपेयरिंग के लिए आचार संहिता का प्रतिबंध लागू नहीं होता। बूथ तक जाने के लिए सड़क की मरम्मत कराई जा सकती है।

पीडब्ल्यूडी क्रमांक एक ने मस्तूरी-मल्हार सेक्शन के विभिन्न मार्गों के डब्ल्यूएमएम, बीटी पेयर और सोल्डर मरम्मत के लिए टेंडर मंगाए थे। इसकी लागत 99 लाख 99 हजार रुपए थी। टेंडर में चार ठेकेदारों ने भाग लिया। पीडब्ल्यूडी के ईई मधेश्वर प्रसाद ने विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से कुछ घंटे पहले 6 अगस्त को यह टेंडर ओपन किया। टेंडर बिलासपुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 4 कस्तूरबा नगर निवासी बी श्रेणी ठेकेदार मेसर्स किशनचंद घनश्याम दास को 26 प्रतिशत बेलो पर मिला। यानी कि 73.09 लाख रुपए में। इस बीच आचार संहिता लागू हो गई। कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ईई मधेश्वर प्रसाद ने 12 अक्टूबर को ठेकेदार को वर्कआर्डर जारी कर दिया। उन्होंने वर्क आर्डर में लिखा है कि काम चार माह में पूरा करना है। परफारमेंस गारंटी कुछ नहीं है। महज छह लाइन के आर्डर में ठेकेदार को 73.09 लाख रुपए का काम दे दिया गया है। पत्र में सहपत्र के सामने शून्य लिखा है। यानी कि मस्तूरी-मल्हार मार्ग की कौन-कौन सी सड़कों की मरम्मत की जानी है, यह बताया नहीं गया है।

जंगल में मोर नाचा, किसने देखा…

पीडब्ल्यूडी के ईई मधेश्वर प्रसाद द्वारा जारी यह वर्क आर्डर जंगल में मोर नाचा, किसने देखा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। दरअसल, वर्क आर्डर के अनुसार ठेकेदार को मस्तूरी-मल्हार के विभिन्न मार्गों में गड्‌ढे खुद ही ढूंढने हैं और मरम्मत भी खुद करनी है।

मस्तूरी की निर्दलीय प्रत्याशी ने सीईओ के नाम की शिकायत, सीईओ बोली- मुझे पता नहीं

मस्तूरी विधानसभा की निर्दलीय प्रत्याशी सविता गंधर्व ने जिला पंचायत सीईओ के नाम से पूरे मामले की लिखित शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि यह वर्क आर्डर आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। पीडब्ल्यूडी के ईई मधेश्वर प्रसाद यहां चार से पदस्थ हैं। वह भाजपा नेताओं की शह पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। यह वर्क आर्डर भाजपा प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। उनका आरोप यह भी है कि जिस ठेकेदार को यह टेंडर मिला है, वह भाजपा से जुड़ा हुआ है।

कलेक्टर बोले- देखकर ही बता पाऊंगा कि किस दायरे में आता है

ताज़ाख़बर36गढ़ ने पूरे मामले से कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी पी दयानंद को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत तो उनके पास नहीं आई है। शिकायत और वर्क आर्डर को देखने के बाद ही बता पाऊंगा कि यह काम किस दायरे में आता है।

एक्सपर्ट ने कहा- यह तो आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है

हाईकोर्ट के वकील एसके चौहान ने कहा कि आचार संहिता के दौरान किसी सड़क की हालत बहुत खराब है तो उसकी मरम्मत कराई जा सकती है, लेकिन उस सड़क नाम और लंबाई भी दर्शाना होगा। यदि एक कागज में मस्तूरी से मल्हार तक के विभिन्न मार्गों की मरम्मत का वर्क आर्डर जारी हुआ है तो यह तो आचार संहिता का उल्लंघन है। इसमें यह नहीं बताया गया है कि कितनी लागत से किस सड़क की मरम्मत करनी है।

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