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खुशखबरी: देश में कही भी पहली बार खरीद रहे हैं घर तो बचा सकते हैं करीब 5 लाख रुपये…जानिए कैसे..

देशभर के घर खरीदारों को बड़ी राहत देते जीएसटी काउंसिल ने निर्माणाधीन परियोजनाओं पर जीएसटी की दर को घटा दिया है। जीएसटी परिषद ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर कर पांच फीसदी कर दिया है। वहीं, किफायती दर के मकानों पर भी जीएसटी दर को 8 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने का फैसला किया। परिषद के इस फैसले से पहली दफा घर खरीदने की तैयारी कर लोगों को 4.77 लाख रुपये तक की बचत होगी।

इसको ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आप 45 लाख रुपये की कोई प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो अभी तक 12 फीसदी की दर से जीएसटी का भुगतान करना होता है। वहीं एक अप्रैल से यह दर घट कर 5 फीसदी हो जाएगी। यानी जीएसटी में 7 फीसदी की कमी। इसके चलते 45 लाख रुपये की प्रॉपर्टी पर 2.10 लाख रुपये की सीधे बचत होगी। अगर आप पहली दफा घर खरीदने जा रहे हैं तो प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत होम लोन पर 2.67 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इस तरह कुल 4.77 लाख रुपये की बचत होगी।

एक अप्रैल से लागू होगी नई दरें

जीएसटी की नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। यानी अगर कोई अभी घर खरीदता तो उसे यह फायदा नहीं मिलेगा। इस फायदा को लेने के लिए उसे एक अप्रैल तक इंतजार करना होगा।

घर खरीदारों के पक्ष में बड़ा फैसला

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि सस्ते घरों पर जीएसटी को घटाकर एक प्रतिशत किया जाना भारतीय रीयल एस्टेट के लिए एक बहुत बड़ा फैसला है। यह फैसला मकान खरीदारों की धारणा को मजबूत करेगा। इस फैसले से रीयल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और घर की खरीदारी बढ़ेगी। इससे इस क्षेत्र में नकदी की गंभीर कमी दूर करने में मदद मिलेगी। हालांकि यह निराशाजनक है कि परिषद ने डेवलपरों को इनपुट कर पर छूट नहीं देने का फैसला किया है।

इन मकानों को माना जाएगा किफायती

परिषद ने इसके साथ ही किफायती दर की परिभाषा को भी उदार किया है। इसके तहत महानगरों में 45 लाख रुपये तक की लागत वाले और 60 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के मकानों को इस श्रेणी में रखा जाएगा। इसी तरह छोटे-मझोले शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के मकानों को इस श्रेणी का माना जाएगा।

इनपुट कर की छूट का लाभ नहीं

जीएसटी की रविवार को तय दरों के तहत उन्हें (परियोजना निर्माताओं को) इनपुट कर की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इस समय निर्माणाधीन या ऐसे तैयार मकान जिनके लिए काम पूरा होने का प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) नहीं मिला हो, उन पर खरीदारों को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना पड़ता है। लेकिन वर्तमान व्यवस्था में मकान निर्माताओं को इनपुट (निर्माण सामग्री) पर चुकाये गए कर पर छूट का लाभ भी मिलता है। सरकार जमीन-जायदाद की परियोजनाओं में ऐसे मकानों पर जीएसटी नहीं लगाती है, जिनकी बिक्री के समय कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिल चुका होता है

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