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राजनीति

पटवारियों की हड़ताल से नागरिक हलाकन…दिखावे के सम्मेलनों में झूठी घोषणाओ में व्यस्त है भूपेश सरकार- अमर

पटवारी अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी है। एस्मा लागू कर दिए जाने के बावजूद पटवारी मोर्चे पर डटे हुए हैं। पटवारियों की मांग हैं कि वेतन विसंगति को दूर करके पे ग्रेड

बिलासपुर। पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने जारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर  कहा है कि पटवारियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल से स्कूली बच्चे, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी एवं आम नागरिक मूलभूत दस्तावेज एवं सेवाओ के अभाव में हलाकान हो गए है।

उन्होंने कहा कि एक माह से प्रदेश के सारे पटवारी अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी है। एस्मा लागू कर दिए जाने के बावजूद पटवारी मोर्चे पर डटे हुए हैं। पटवारियों की मांग हैं कि वेतन विसंगति को दूर करके पे ग्रेड ₹2800 किया जाए, वरिष्ठता के आधार पर राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति हो, उनसे लिए जा रहे विविध कार्यो के लिए संसाधनों की व्यवस्था हो, ऑनलाइन कार्यों के लिए नेट भत्ता दिया ज़ाय, महंगाई के अनुरूप स्टेशनरी भत्ता दिया जाए और अतिरिक्त हल्के के प्रभार का मानदेय में बढ़ोतरी हो, पटवारी भर्ती हेतु योग्यता स्नातक किया जाए, बिना विभागीय जाँच के प्राथमिकी (F.I.R) दर्ज न किया जाए आदि। कुल 8 सूत्री मांगों को लेकर राज्य पटवारी संघ के बैनर तले राज्य के हजारों पटवारी तहसील एसडीम ऑफिस के सामने मोर्चा डाल कर के बैठे हुए हैं। जनता पटवारी हलकों तक चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हड़ताल के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा है।

विभिन्न सरकारी कर्मचारी एवं संगठनों के द्वारा भूपेश सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में लगातार हो रहे धरने मोर्चे से छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस की कमर टूट गई है, प्रशासनिक व्यवस्था लचर हो गई है।एक माह से भीषण गर्मी के हड़ताल पर बैठे पटवारी बंधुओं की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की ओर सरकार में एक महीने से ध्यान नहीं दिया है। एक तरफ भर्ती का ड्रामा चल रहा है तो दूसरी तरफ आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले पटवारी हड़ताल पर है। हड़ताल के कारण तहसील के राजस्व प्रकरणों के नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, किसान किताब, अन्य राजस्व से संबंधित प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

अमर अग्रवाल ने कहा सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण की मुहिम में अनेक जगहों पर पटवारियों की सुपरवाइजर में ड्यूटी लगाई गई लेकिन हड़ताल हो जाने से डाटा एंट्री, सुधार, डाटा फाइनल कर ग्राम सभा द्वारा अनुमोदन कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। मितान योजना से घर बैठे राशन कार्ड उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है, दूसरी ओर राशन कार्ड में हितग्राहियों का सत्यापन (ई kyc) नहीं होने से नहीं होने से लोगों को आवंटन के बावजूद राशन नही मिल रहा है।

अमर अग्रवाल का कहना है आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बनाने में भी लोगों को दिक्कतें आ रही हैं, अनेक लोगो को कार्ड बन जाने के बावजूद लोगों को वितरण नहीं कराया जा रहा है। अस्पतालों में कार्ड धारियों के इलाज में कोताही बढ़ती जा रही है। इलाज के बाद वास्तविक भुगतान के प्रमाणक मरीजो को नही दिए जा रहे, फर्जी बिल लगाकर लोगों के कार्ड से भुगतान के मामले सामने आ रहे है। तमाम मूलभूत जरूरतों के लिए लोग केवल सरकारी दफ्तरों की खाक छान रहे है और सरकार के मंत्री और मुखिया अपने मुंह मिट्ठू मियां बन कर दिखावे के सम्मेलनों में झूठी घोषणाएं कर रहे है।

अमर अग्रवाल ने कहा वास्तविक में देखा जाए तो प्रदेश में धरातल पर सरकार लापता है चारों तरफ अराजकता का वातावरण है। रामायण महोत्सव कराकर शराब का अवैध कारोबार चलाने वाली सरकार के पाप धूल नहीं सकते।भूपेश सरकार की चला चली की बेला में नित नए घोटालों की बारात सामने आ रही है, छत्तीसगढ़ की जनता आने वाले विधानसभा के चुनाव में अपने अमूल्य वोट से घोटाले बाजों को सबक देने के लिए इंतजार कर रही है।

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