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बिलासपुर

बिलासपुर तहसील और नजूल में कई सालों से पदस्थ हैं तीन आरआई: जानिए ट्रांसफर सूची में नाम नहीं होने के सवाल पर तहसीलदार अतुल वैष्णव ने क्या कहा…

बिलासपुर। जिले के 65 में से 38 राजस्व निरीक्षकों के तबादले में चहेतों को अभयदान देने का परत-दर-परत खुलासा होने लगा है। तहसील कार्यालय में करीब 10 साल से दो आरआई पदस्थ हैं। इस ट्रांसफर सूची में नाम नहीं होने के सवाल पर एक दैनिक समाचार पत्र को दिए बयान के अनुसार तहसीलदार अतुल वैष्णव ने माना कि दोनों लंबे समय से यहां पदस्थ हैं। साथ ही सफाई देते हुए यह भी कहा कि दोनों की पोस्टिंग स्थापना शाखा में हुई है। इसलिए दोनों का नाम नहीं भेजा गया है।

बता दें कि एक मार्च को कलेक्टर अवनीश शरण की ओर से जारी आदेश में जिले के 38 राजस्व निरीक्षकों का ट्रांसफर किया गया। निर्देश दिया गया था कि वे नवीन पदस्थापना स्थान पर तत्काल कार्यभार ग्रहण करें। निर्धारित समयावधि में कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अचानक मिले आदेश और अपने स्थानांतरण की जानकारी मिलते ही राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। आरआई की तबादला सूची बनाने वाले राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की कार्यप्रणाली अब खुलकर सामने आने लगी है। दरअसल, बिलासपुर तहसील कार्यालय में राजस्व निरीक्षक संजय कौशिक और मधुलता साहू शहरी क्षेत्र में 7 से 10 साल से जमे हुए हैं। राजस्व निरीक्षक अश्वनी देवांगन नजूल में इतने ही साल से शहरी क्षेत्र में कार्यरत हैं। तबादला सूची में इनमें से किसी का नाम नहीं है। यानी कि अफसरों ने इन्हें बख्श दिया है।

दोनों आरआई तय करते हैं नाम?

तहसील कार्यालय में पदस्थ दोनों राजस्व निरीक्षक 10 साल से एक ही स्थान पर बैठकर मलाई खा रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि तबादला सूची बनाने के लिए सालों से एक सिंडीकेट काम कर रहा है। यह सिंडीकेट ही तय करता है कि किसका ट्रांसफर कराना है और किसे बचाना है। बताया जा रहा है कि तहसील कार्यालय में पदस्थ दोनों आरआई इस सिंडीकेट का हिस्सा है।

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
बिलासपुर तहसील कार्यालय में आए दिन भ्रष्टाचार की शिकायत सामान्य बात है। तहसील में बिना पैसों के कोई काम नहीं होता। कार्रवाई के लिए खुलेआम पैसे की मांग होती है। तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर में बताया गया था कि कार्यालय में बिना पैसों के कुछ काम नहीं होता। तहसील कार्यालय में एसडीएम की नाक के नीचे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मामले को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने गंभीरता से लिया। कोर्ट ने आदेश में कहा था कि कलेक्टर के डायवर्सन से संबंधित केसों का स्टेट्स रिपोर्ट पेश करनी होगी।

दोनों स्थापना शाखा में हैं पदस्थ
तहसील कार्यालय में जो राजस्व निरीक्षक हैं, उनकी पोस्टिंग स्थापना शाखा में हुई है। इसके कारण तहसील से उनके नाम नहीं भेजे गए। इसके संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही ज्वाइनिंग की है। पटवारी की जानकारी होने के कारण उनके नाम की सूची भेजी गई है।
अतुल वैष्णव, तहसीलदार, बिलासपुर

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